Russia-Ukraine war : भारत 52 जासूसी उपग्रहों को प्रक्षेपित करेगा, जिनका रूस-यूक्रेन युद्ध में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था

Prakash
Russia-Ukraine war : भारत 52 जासूसी उपग्रहों को प्रक्षेपित करेगा, जिनका रूस-यूक्रेन युद्ध में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था

Russia-Ukraine war : भारत 52 जासूसी उपग्रहों को प्रक्षेपित करेगा, जिनका रूस-यूक्रेन युद्ध में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था

Russia-Ukraine war : भारत 52 जासूसी उपग्रहों को प्रक्षेपित करेगा, जिनका रूस-यूक्रेन युद्ध में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था
Russia-Ukraine war : भारत 52 जासूसी उपग्रहों को प्रक्षेपित करेगा, जिनका रूस-यूक्रेन युद्ध में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था

भारत ने हाल ही में अंतरिक्ष आधारित निगरानी (Space-Based Surveillance) के तीसरे चरण (SBS-III) को मंजूरी दी है, जिसके तहत अगले पांच वर्षों में 52 जासूसी उपग्रह लॉन्च किए जाएंगे। इस परियोजना का उद्देश्य पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर निगरानी क्षमता को बढ़ाना है। इसमें लगभग ₹27,000 करोड़ का खर्च आएगा ।

इन उपग्रहों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे वे आपस में संवाद कर सकेंगे और एक-दूसरे से जानकारी साझा कर सकेंगे। उदाहरण के लिए, यदि एक उपग्रह उच्च कक्षा (GEO) में किसी गतिविधि का पता लगाता है, तो वह निचली कक्षा (LEO) में स्थित उपग्रह से उस क्षेत्र की अधिक विस्तृत जानकारी प्राप्त करने का निर्देश दे सकता है। इससे डेटा विश्लेषण में तेजी आएगी और केवल आवश्यक जानकारी एकत्रित की जाएगी ।

Russia-Ukraine war : भारत 52 जासूसी उपग्रहों को प्रक्षेपित करेगा, जिनका रूस-यूक्रेन युद्ध में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था

यह परियोजना भारत की अंतरिक्ष निगरानी क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी, जिससे सीमाओं पर वास्तविक समय में निगरानी संभव होगी और सुरक्षा खतरों का शीघ्र पता लगाया जा सकेगा।

रूस-यूक्रेन युद्ध में उपग्रहों का उपयोग महत्वपूर्ण रहा है। यूक्रेन ने वाणिज्यिक उपग्रहों की सहायता से रूसी सैनिकों की गतिविधियों की निगरानी की और कई लक्ष्यों पर सटीक हमले किए। इससे यह स्पष्ट हुआ कि उपग्रहों का सैन्य उपयोग भविष्य के युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा ।

हालांकि, भारत के आगामी उपग्रहों का उद्देश्य पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर निगरानी बढ़ाना है, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध में उपग्रहों के उपयोग से यह संकेत मिलता है कि भविष्य में भारत भी इन उपग्रहों का सैन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग कर सकता है।

ANOKHA NEWS

India has recently approved the third phase of Space-Based Surveillance (SBS-III), under which 52 spy satellites will be launched in the next five years. The aim of this project is to increase the surveillance capacity on the borders of Pakistan and China. It will cost around ₹ 27,000 crore.

These satellites will use artificial intelligence (AI) technology, which will enable them to communicate with each other and share information with each other. For example, if a satellite detects any activity in a higher orbit (GEO), it can instruct a satellite located in a lower orbit (LEO) to get more detailed information about that area. This will speed up data analysis and only the necessary information will be collected.

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