पेट्रोल, डीजल की नई कीमतें जारी की: 8 अप्रैल को अपने शहर में दरें देखें

Prakash
पेट्रोल, डीजल की नई कीमतें जारी की: 8 अप्रैल को अपने शहर में दरें देखें
पेट्रोल, डीजल की नई कीमतें जारी की: 8 अप्रैल को अपने शहर में दरें देखें

पेट्रोल, डीजल की नई कीमतें जारी की: 8 अप्रैल को अपने शहर में दरें देखें

पेट्रोल, डीजल की नई कीमतें जारी की: 8 अप्रैल को अपने शहर में दरें देखें

8 अप्रैल 2025 को जोधपुर में पेट्रोल और डीजल की नवीनतम कीमतों की सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है। हालांकि, 17 मार्च 2025 तक पेट्रोल की कीमत ₹104.71 प्रति लीटर थी। राजस्थान सरकार ने हाल ही में पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट दरों में कोई उल्लेखनीय कमी नहीं की है।

भारत में आज पेट्रोल डीजल की कीमत

8 अप्रैल को शहर पेट्रोल और डीजल की कीमतें देखें:

  • City Petrol (₹/L) Diesel (₹/L)
    New Delhi 94.72 87.62
    Mumbai 104.21 92.15
    Kolkata 103.94 90.76
    Chennai 100.75 92.34
    Ahmedabad 94.49 90.17
    Bengaluru 102.92 89.02
    Hyderabad 107.46 95.70
    Jaipur 104.72 90.21
    Lucknow 94.69 87.80
    Pune 104.04 90.57
    Chandigarh 94.30 82.45
    Indore 106.48 91.88
    Patna 105.58 93.80
    Surat 95.00 89.00
    Nashik 95.50 89.50

भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक

ANOKHA NEWS
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भारत में आज पेट्रोल डीजल की कीमत

  1. कच्चे तेल की कीमतें
    अंतरराष्ट्रीय बाजार का प्रभाव: पेट्रोल और डीजल की कीमतों को प्रभावित करने वाला प्राथमिक कारक अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत है। भारत अपने कच्चे तेल का लगभग 85% आयात करता है, इसलिए वैश्विक तेल कीमतों में कोई भी उतार-चढ़ाव सीधे घरेलू ईंधन कीमतों को प्रभावित करता है।

ओपेक के निर्णय: पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) द्वारा लिए गए निर्णय भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि ओपेक तेल उत्पादन में कटौती या वृद्धि करने का निर्णय लेता है, तो इससे वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि या गिरावट हो सकती है।

  1. भारतीय रुपये की विनिमय दर
    चूंकि कच्चे तेल की खरीद अमेरिकी डॉलर में की जाती है, इसलिए भारतीय रुपये (INR) और अमेरिकी डॉलर (USD) के बीच विनिमय दर भी पेट्रोल और डीजल की कीमत को प्रभावित करती है। यदि डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आती है, तो कच्चे तेल का आयात करना अधिक महंगा हो जाता है, जिससे ईंधन की कीमतों में वृद्धि होती है।
  2. कर और शुल्क
    उत्पाद शुल्क और वैट: केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क लगाती है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकारें ईंधन की कीमतों पर मूल्य वर्धित कर (वैट) लगाती हैं, जो हर राज्य में अलग-अलग होता है। ये कर ईंधन की कुल लागत में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

सरकारी नीतियाँ: कराधान या सब्सिडी के संबंध में सरकारी नीतियों में बदलाव भी ईंधन की कीमतों को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए, उत्पाद शुल्क या वैट में कमी से ईंधन की कीमतें कम हो सकती हैं।

  1. परिवहन और वितरण लागत
    रिफाइनरियों से खुदरा दुकानों तक पेट्रोल और डीजल के परिवहन और वितरण की लागत भी ईंधन की अंतिम कीमत में जुड़ती है। इसमें परिवहन अवसंरचना, भंडारण और खुदरा संचालन की लागत शामिल है।
  2. रिफाइनिंग लागत
    कच्चे तेल को उपयोग योग्य पेट्रोल और डीजल में रिफाइन करने की लागत ईंधन की कीमतों को प्रभावित करती है। रिफाइनिंग क्षमता, तकनीक और दक्षता इन लागतों को प्रभावित करती है।
  3. मौसमी मांग
    मानसून और सर्दी: ईंधन की मांग में मौसमी बदलाव भी एक भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए, फसल कटाई के मौसम या त्यौहारों के दौरान ईंधन की मांग बढ़ सकती है, जिससे कीमतें बढ़ सकती हैं।

कृषि और परिवहन की ज़रूरतें: ग्रामीण क्षेत्रों में, कुछ अवधियों के दौरान ईंधन की मांग बढ़ सकती है, जिससे कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है।

  1. आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान
    प्राकृतिक आपदाओं, राजनीतिक अस्थिरता या तेल उत्पादक क्षेत्रों में संघर्ष जैसी घटनाओं से कच्चे तेल की आपूर्ति में व्यवधान हो सकता है, जिससे ईंधन की कीमतें बढ़ सकती हैं।

भू-राजनीतिक तनाव: प्रमुख तेल उत्पादक देशों में संघर्ष से आपूर्ति में कमी हो सकती है, जिसका असर वैश्विक तेल कीमतों और उसके बाद घरेलू ईंधन कीमतों पर पड़ता है।

  1. बाज़ार प्रतिस्पर्धा
    भारत में, ईंधन की कीमतें सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों (जैसे इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम) द्वारा निर्धारित की जाती हैं और बाज़ार की स्थितियों के आधार पर समायोजित की जाती हैं। बढ़ती प्रतिस्पर्धा और बाज़ार की गतिशीलता में बदलाव मूल्य समायोजन को प्रभावित कर सकते हैं।
  2. मुद्रास्फीति
    अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति के दबाव से भी ईंधन की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। यदि वस्तुओं और सेवाओं की सामान्य लागत बढ़ती है, तो ईंधन की कीमत भी बढ़ती है, जो उत्पादन और वितरण की बढ़ी हुई लागत को दर्शाती है।
  3. सरकारी सब्सिडी
    कुछ मामलों में, भारत सरकार ईंधन की कीमतों को उपभोक्ताओं के लिए वहनीय बनाए रखने के लिए सब्सिडी प्रदान करती है। सब्सिडी में कमी या उन्मूलन से कीमतों में वृद्धि हो सकती है।

संक्षेप में, भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें वैश्विक और घरेलू कारकों के मिश्रण से प्रभावित होती हैं, जिसमें अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें, कर और मुद्रा में उतार-चढ़ाव सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सरकारी नीतियों और बाहरी भू-राजनीतिक घटनाओं का भी गहरा प्रभाव पड़ता है।

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