अमेरिका ने 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को वतन क्यों भेजा?

हाल ही में अमेरिका ने 104 भारतीय अवैध प्रवासियों को निर्वासित करते समय उनके हाथों में हथकड़ी और पैरों में जंजीरें बांधकर भारत भेजा। अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) की 2012 से लागू मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुसार, निर्वासन के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ मामलों में नियंत्रण उपकरणों का उपयोग किया जाता है। ICE ने भारत सरकार को सूचित किया है कि महिलाओं और बच्चों को इस प्रक्रिया में हथकड़ी आदि नहीं लगाई जाती।
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह प्रक्रिया सुरक्षा कारणों से अपनाई जाती है। हालांकि, इस घटना के बाद भारत में राजनीतिक बहस छिड़ गई है, और विपक्षी दलों ने इसे अमानवीय व्यवहार बताते हुए सरकार से इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाने की मांग की है।

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में बताया कि यह कोई नई प्रक्रिया नहीं है और यह कई वर्षों से चली आ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं और बच्चों को कभी नहीं बांधा जाता। सरकार अमेरिकी अधिकारियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि निर्वासन के दौरान भारतीय नागरिकों के साथ कोई दुर्व्यवहार न हो।
इस घटना ने अवैध प्रवास के खतरों और इसके परिणामों पर भी ध्यान आकर्षित किया है। अवैध मार्गों से विदेश जाने के प्रयास में न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि इस तरह की कठिन परिस्थितियों का सामना भी करना पड़ सकता है।
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